जिनके पदस्पर्शसे गुजरात मे स्थित गणदेवी यह एक छोटासा गांव एक तिर्थक्षेत्र बन गया वह श्री जानकी आई तथा बायजी.
सावली पोथी मे उनकी महिमा वर्णन की गयी है.
मगर उनके बहोत भक्तगण जो मराठी जानते नही उनके लिए अबतक सावली पोथी पढना मुष्कील था. उस मुष्कीली कर दूर किया है अमेरिकास्थित सौ. माधवी मोहीले खापेकर ने.
आईये… `सावली’ का आनंद हिंदी मे लेते है… और जानकी मॉं का आशीर्वाद भी लेते है..